Saturday 24 October 2015

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गुफा में छुपा है लाखों-करोड़ टन सोना!

By: Secret On: 23:03
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  • उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले का डौंडियाखेड़ा गांव इन दिनों सुर्खियों में है। आजकल सभी की नजरें उन्नाव जिले डौंडियाखेड़ा गांव पर टिकी हुई हैं, क्योंकि शोभन सरकार नाम के महंत ने वहां एक हजार टन सोना के छुपे होने की बात कही है। ऐसे में हर कोई बड़ी हसरत से उत्तरप्रदेश के इस गोल्डेन विलेज को निहार रहा है, जहां कभी राज राव रामबक्श सिंह का किला हुआ करता था। कहानी में ट्विस्ट तब आया जब बाबा शोभन सरकार के सपने को आधार मानकर पुरातत्व विभाग की टीम ने 1000 टन के सोने की खोज शुरू कर दी। सरकार से लेकर हर कोई कयास लगाये जा रहा है कि अगर हजार टन सोना देश को मिल जाता है तो भारत की तस्वीर के साथ तकदीर ही बदल जाएगी।
     
    रुपया अमेरिका डॉलर के मुकाबले मूछों पर ताव मारता नजर आएगा, अर्थव्यवस्था को भी पर लग जाएंगे, भारत से गरीबी और महंगाई का कलंक भी मिट सकता है। पर शायद आपको नहीं पता कि देश में कई ऐसी गुफाएं हैं जिनमें लाखों-करोड़ों टन सोना छिपा हुआ है। बिहार में भी एक ऐसी गुफा है जिसमें लाखों टन सोना और अन्य खजाने छिपा है। ये सोना सैकड़ों साल पहले राजा-महाराजाओं द्वारा छिपाए गए थे। अगर ये सोना मिल जाए तो फिर क्या कहने। लेकिन, ये सोना आखिर छिपा कहां है। चलिए हम आपको बताते हैं।

    डौंडियाखेड़ा आज भले ही सोने के खजाने को लेकर सुर्खियों में है लेकिन भारत में ऐसे कई जगह हैं, जो अकूत खजानों को लेकर सुर्खियों में रहे हैं। सोने के खजाने से जुड़ा ऐसा ही एक मामला बिहार के एक गुफा से जुड़ा है, जिसमें लाखों टन सोना छिपा हुआ है। यह गुफा बिहार के छोटे से शहर राजगीर में है।
    प्राचीन में मगध सम्राज्य की राजधानी रहा बिहार का राजगीर शहर छोटा जरूर हो सकता है, लेकिन इस शहर ने भारतीय इतिहास की कई महत्वपूर्ण घटनाएं देखी हैं। यही पर बुद्ध ने मगध के सम्राट बिम्बिसार को धर्मोपदेश दिया था। लगभग 3-4 ईसा पूर्व भगवान बुद्ध की स्मृति में बनी कई कई स्मारकों में से एक 'सोन भंडार गुफा' रहस्य और रोमांच से भरी है। किवदंतियों के मुताबिक सोन भंडार गुफा में भरा है सोने और बहुमूल्य खजाने का भंडार।

    भूल जाएंगे डौंडियाखेड़ा के खजाने, इस गुफा में छुपा है लाखों-करोड़ टन सोना!
    बिहार के छोटे शहर राजगीर में जहां भगवान बुद्ध ने सम्राट बिम्बिसार को धर्मोपदेश दिया था, उन्ही की याद में बनी स्मारकों में से एक है सोन भंडारगुफा, जो दो चट्टानों के बीच वैभर पहाड़ी की तलहटी में स्थित है। इस तरह की गुफाएं हमेशा से ही पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रही हैं। वैभर पहाड़ी के समीप स्थित पश्चिमी गुफा में एक ऐसा स्मारक है जिसे सोन भंडार गुफा (अर्थात खजाने का अकूत भंडार) भी कहा जाता है, जिसमें छिपी है बेशुमार दौलत। लेकिन इस गुफा में जाने का क्या है रास्ता? इस बारे में किसी को कुछ भी नहीं मालूम।

    ऐसा माना जाता है कि खजाना एक 10.4x5.2 मीटर आयाताकार मजबूत कोठरी में कैद है, जिसका रास्ता शायद किसी को पता नहीं। गुंबद की भीतरी छत सीधे दीवारों के सहारे 1.5 मीटर ऊंची है, जो चट्टानों को काटकर बनाई गई मौर्यकालीन गर्भगृहों जैसी दिखाई पड़ती है।

    भूल जाएंगे डौंडियाखेड़ा के खजाने, इस गुफा में छुपा है लाखों-करोड़ टन सोना!
    सोन भंडार गृह के पास ही उस जैसी और गुफाएं है जिन्हे बराबर की गुफाएं कहा जाता है। इन गुफाओं के कमरे भी सोन भंडार गुफा की तरह ही बनाये गये हैं। भारत में बहुत से ऐसे गुफा मंदिर हैं जिन्हे असाधारण कृतियों के लिए जाना जाता है। 5-6 वीं सेंचुरी में इन गुफाओं के अंदर और बाहर कई तरह के अभिलेख पाये जाते हैं, जो मोस्टली विभिन्न तीर्थयात्रियों द्वारा अंकित किये जाते रहे हैं। जैसी भगवान विष्णु की मूर्तियां आज नालंदा के म्युजियम में हैं, वैसी ही मूर्तियां गुफाओं के पास पाई जाती हैं, जो इस घटना की तरफ इशारा करती हैं कि 7वीं सेंचुरी में विष्णु की पूजा जाती रही है।
    भूल जाएंगे डौंडियाखेड़ा के खजाने, इस गुफा में छुपा है लाखों-करोड़ टन सोना!
    किवदंतियों के मुताबिक, गुफाओं की असाधारण बनावट ही लाखों टन सोने के खजाने की सुरक्षा करती हैं। इन गुफाओं में छिपे खजाने तक एंट्री का रास्ता एक बड़े प्राचीन पत्थर के पीछे से होकर जाता है। कुछ का मानना है कि खजाने तक पहुंचने का रास्ता वैभरगिरी पर्वत सागर से होकर सप्तपर्णि गुफाओं तक जाता है जो सोन भंडार गुफा के दूसरी तरफ तक पहुंचता है। कुछ लोगों का मानना है ये खजाना पूर्व मगध सम्राट जरासंध का है तो कुछ का मानना है कि यह खजाना मौर्यशासक बिम्बिसार का था।

    अगर इस गुफे में छुपे खजानों की तलाश की जाए तो देश की आर्थिक स्थिति में न सिर्फ सुधार होगा, बल्कि भारत दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश के रूप में भी उभर कर सामने आ जाएगा।

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