प्रकृति के रहस्य जो अभी तक अनसुलझे है
खुला आसमान और विशाल धरती के बीच इंसान प्रकृति का एक अदना सा हिस्सा है। इंसान कितना भी ज्ञान अर्जित कर ले, कितना भी विज्ञान को जान जाये लेकिन प्रकृति हर बार कुछ ऐसा कर जाती है कि हर बार उसके करिश्मे के आगे विज्ञानं भी घुटने टेक देता है।
आज हम ऐसी ही कुछ रहस्यमयी बातों को आपके सामने पेश कर रहें हैं-
1. करोड़ों साल पुराना धातु का हथौड़ा
हमने अपनी इतिहास की किताबों से यही सीख है, की इंसान ने धातु का इस्तेमाल कुछ 10 हज़ार सालों पहले शुरू किया था। लेकिन 1934 में पुरातत्व विभाग को अपनी खोज में मिला ये हथौड़ा भ्रमित कर ही देता है। कारण यह है कि इस हथौड़े में लगी लकड़ी कोयला बन चुकी है। और कोयला बनने में करोड़ो वर्ष लग जातें हैं।
2. मरुस्थल में बना शिलाओं का घेरा
सहारा मरुस्थल के बीचो-बीच कुछ बड़े पत्थरों का एक बड़ा घेरा मिला। इसकी खोज पुरातत्व विशेषज्ञों ने 1973 में की। वैज्ञानिकों का मानना है कि पाषाण काल में इनका इस्तेमाल खगोलशास्त्रियों के द्वारा ग्रह-नक्षत्रों की खोज के लिए किया जाता था। लेकिन आज का मनुष्य इस कला से अनभिज्ञ है।
3. शेंग मरुस्थल में मिली पत्थर पर बनी सीढ़ी लकीरें
चीन में गानसू शेंग रेगिस्तान के बीचो-बीच कुछ लकीरें मिली, जिन्हें चीनी मोज़ेक लाइन का नाम दिया गया। इसे मोगाओं गुफ़ा के आस-पास बनाया गया था। चौंकाने वाली बात यह है कि पत्थरों के ऊबड़-खाबड़ होने के बाद भी यह लकीरें एकदम सटीक और सीधी हैं।
4. पाषाणकालीन पत्थर का खिलौना
पुरातत्व विभाग को 1889 में ईदाहो के नाम्पा में एक पत्थर की गुड़िया मिली, जो बहुत ही पुरानी थी। इसे देख कर वैज्ञानिकों ने यह अनुमान लगाया कि पाषाणकालीन यह गुड़िया मानव के धरती पर अस्तित्व पर सवाल उठा रही थी। वैज्ञानिकों के हिसाब से यह गुड़िया करोड़ों वर्ष पुरानी थी।
5. उल्का अवशेष में फंसा धातु का पेंच
वैज्ञानिकों को 1998 में हुई शोध में उल्का के अवशेष की जांच करते समय एक पत्थर का टुकड़ा मिला था। जिसमें एक लोहे का पेंच था। वैज्ञानिकों के माने तो यह पत्थर 30 करोड़ साल पुराना है और लेकिन उस समय तक धरती और किसी भी प्रजाति ने जन्म नहीं लिया था।
6. पत्थर पर बना प्राचीन विमान का चित्र
पाषाणकाल में मनुष्य अक्सर पत्थरों पर चित्रकारी किया करता था। 5000 ईसा पूर्व की इस कला के नमूने में आपको एक विमान दिख रहा होगा। वैज्ञानिक आज भी स्तब्ध हैं कि क्या उस समय ऐसा कोई विज्ञान था? और अगर नहीं था तो मनुष्य ने उस काल में इसकी कल्पना कैसे की होगी…!
7. चलने वाला पत्थर
कैलिफोर्निया की डेथ वैली के खिसकते पत्थर आज भी वैज्ञानिकों के लिए असुलझी पहेली बने हुए हैं। 1972 में इस रहस्य का खुलासा करने के लिए वैज्ञानिकों की एक टीम गठित की गई थी, लेकिन वह टीम पूरी तरह से असफल रही और आज भी यह एक अनसुलझा रहस्य ही है।
8. मेक्सिकन पिरामिड में ब्राजील के अभ्रक
प्राचीन मेक्सिको शहर की दीवार अभ्रक की बनी हुई है। लेकिन अभ्रक तो ब्राज़ील में मिलता है, जो यहां से हज़ारों मील दूर है। इसका उपयोग ऊर्जा प्रदान करने के लिए किया जाता है। तो उस वक़्त के कारीगर इसे लेट कैसे थें और इसका इस्तेमाल क्यों किया जाता था, ये दोनों बातें वैज्ञानिकों को परेशां करती रहीं हैं।
9. भीमकाय मानव के जीवाश्म
1895 में आयरलैंड में पुरातत्व विभाग की खोज में खुदाई के दौरान 12 फीट लम्बा एक मानवीय जीवाश्म मिला।यह मानव आधुनिक मानव होमो शेपिएन्स से बिल्कुल अलग था, जिसके पैर में 6 उंगलिया थीं और उसके हाथ 4 फीट लम्बे थे।
10. गुप्त अटलांटिस
पुरातत्व विभाग का मानना है कि उन्होंने अटलांटिस की खोज कर ली है, लेकिन आज भी इसके कई राज दफ़न हैं।
11. विशाल इंसानी जबड़ा
अमेरिका के नेवाडा में 1911 में एक भीमकाय इंसानी जबड़ा मिला, कहा जाता है कि नेवाडा में लाल बाल वाले 12 फीट लम्बे इंसान रहा करते थे। इसके अलावा 1931 में इंसानी कंकाल भी मिले, जिनकी लम्बाई 12 फीट थी। आखिर ये थे क्या इंसान या कोई अलग ही प्रजाति?
12. कंकाल में फंसी एल्युमीनियम की कील
त्रानसिलवेनिया की मुर्से नदी में 1974 में एक 20 हज़ार साल पुराने मैस्तदन की हड्डियों से एक एल्युमीनियम की एक कील मिली, जिसे वैज्ञानिकों ने 300 से 400 साल प्राचीन बताया। लेकिन, चौंकाने वाली बात यह थी की हड्डियों के बीच एल्युमीनियम आया तो आया कहाँ से?
0 comments:
Post a Comment