Friday 2 December 2016

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विचित्र किन्तु सत्य – अंगा आदिवासी जो लाशों को ममी बनाकर रखते है सुरक्षीत तथा बडे उत्सवो में शामील करते है पूर्वजो की ममी क़ो

By: Secret On: 17:30
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  • विचित्र किन्तु सत्य – अंगा आदिवासी जो लाशों को ममी बनाकर रखते है सुरक्षीत तथा बडे उत्सवो में शामील करते है पूर्वजो की ममी क़ो:

    Smoked Mummies Of Papua New Guinea : इंसान की मृत्यु होने के पशचात उसके शव का रीती रिवाजो क़े साथ अँतिम संस्कार कीया जाता हैं। लेकिन कई समुदायों में अंतिम संस्कार की किर्या बडी विचित्र होती हैं जैसे की तिब्बत की स्काय बुरिअल जिसके बारे में हमने आपको अपनी एक पिछली पोस्ट में बताया था। ऐसी ही एक अनोखी अंतिम संस्कार की किर्या पापुआ न्यू गिनी के अंगा जनजाति के लोग अपनाते है जो  कि पहले लाश क़ो हल्क़ा सा जलाते है और फिर उस अध जलीं लाश को ममी बनाकार पहाडों पऱ हमेंशा के लीए सुरक्षीत रख़ देते है।

    Smoked Mummies Of Papua New Guinea : Story& History in Hindi
    पापुआ न्यू गिनी के मोरोबे में अंगा जनजाति अपनी अनोखी ममीकरण तकनीक के लिए चर्चित है। यहां शवों को सुरक्षित रखने के लिए पहले उन्हें सुलगाया जाता है, फिर उन्हें मकबरों या कब्रों में दफनाने की जगह पहाड़ियों पर रख दिया जाता है, ताकि वे पहाड़ियों पर से गांव को देखते रहें। शव लाल रंग में रंगे होते हैं। पहाड़ियों पर बांस के सहारे रखी ये लाशें देखने में बड़ी ही विचित्र लगती हैं, लेकिन अंगा जनजाति के लोगों के लिए ये मृतकों को सम्मान देने के सबसे बेहतरीन तरीकों में से एक है।
    Smoked Mummies Of Papua New Guinea  Information in Hindi
    शवों के संलेपन का काम बड़ी ही सावधानी से किसी अनुभवी व्यक्ति द्वारा करवाया जाता है। सबसे पहले घुटने, कंधे और पैरों को सही आकार देने के लिए पूरी चर्बी हटाई जाती है। फिर बांस के ढांचे में उन्हें रखा जाता है। इस दौरान शरीर से निकले पदार्थों को मृतक के परिजनों और रिश्तेदारों के बालों और त्वचा पर लगाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इससे मृतक की ताकत जीवित व्यक्ति में आ जाती है।
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    Smoked Mummies Of Papua New Guinea  Information in Hindi
    इसके बाद अगले चरण में मांस की सड़न को रोकने के लिए शव से आंखें, मुंह और गुदा का हिस्सा निकाला लिया जाता है। इसके बाद माना जाता है कि ममी (लाश के संरक्षण) को सदियों तक संरक्षित रखा जा सकता है। जीभ, हथेली से लेकर तमाम ऐसे हिस्सों को निकाल लिया जाता है, जिनसे सड़न पैदा होने का डर हो। इसके बाद शव के बाकी बचे ढांचे को आग में सुलगाया जाता है।
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    आग में सुलगाने के बाद ममी पर लाल रंग का लेप लगाया जाता है, जिसमें डाला गया प्राकृतिक कोकुन शव का सदियों तक संरक्षण करता है। इस पूरी प्रक्रिया के बाद जाकर ममी तैयार होती है। किसी खास मौके या जश्न के वक्त अंगा आदिवासी अपने परिजनों की ममी को पहाड़ियों पर से उतारते भी हैं, ताकि उन्हें जश्न का हिस्सा बनाया जा सके। मोरोबे में आज दो सौ साल पुरानी ममी भी देखने को मिल जाएंगी।

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