Sunday, 3 September 2017
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प्राचीन भारत के पाटलिपुत्र को आज पटना के नाम से जाना जाता है, जो बिहार का प्रमुख शहर होने के साथ-साथ उसकी राजधानी भी है. नन्द वंश और मौर्य वंश के शासन काल में यह शहर न केवल मगध की, बल्कि पूरे भारत की सांस्कृतिक और आर्थिक राजधानी के रूप में विख्यात रहा है. भारत का यह ऐतिहासिक शहर आज भी अपने आप में कई रहस्यों को समेटे हुए हैं, उन्ही रहस्यों में से एक हैं Patna का अगम कुआं.
इतिहासकार बताते हैं इस कुएं का निर्माण आज से लगभग दो हजार साल पहले हुआ था. जब से यह कुआं अपने अस्तित्व में आया है, तब से यह कभी सूखा नहीं है. यह अपने आप में एक हैरान कर देने वाला सच है.
आखिर यह कुआं अब तक सूखा क्यों नहीं यह अभी तक एक पहली बना हुआ है. इस कुएं के बारे में यह कहा जाता है कि गर्मियों के समय इसका पानी एक से डेढ़ फुट नीचे और बारिश के समय यह एक से डेढ़ फुट तक बढ़ जाता है.
सम्राट अशोक के समय में अस्तित्व में आये इस कुएं के रहस्य को जानने के लिए तीन बार कोशिश की जा चुकी है. पहली बार 1932 में, दूसरी बार 1965 में, और तीसरी बार 1995 में लेकिन अगम कुएं के रहस्य को अब तक नहीं सुलझाया जा सका है.
कुएं के बारे में यह कहा जाता है कि कई बार भयंकर अकाल और सूखा पड़ने पर भी इस कुएं का पानी नहीं सूखा. यहां तक कि बाढ़ आने पर भी कुएं के पानी में कोई ख़ास बढ़ोत्तरी भी नहीं हुई. स्थानीय लोग इस कुएं के बारे में एक और रहस्यमयी बात बताते हैं हुए कहते हैं की कुएं के पानी का रंग अक्सर बदलता रहता है.
यहां के लोग इस कुएं का संबंध पश्चिम बंगाल में स्थित गंगा सागर से बताते हैं. लोगों का कहना है कि एक बार एक अंग्रेज की छड़ी गंगा सागर में गिर गयी जो बहते-बहते पाटलिपुत्र के इस कुएं में आ गयी थी.
आज भी वह छड़ी कोलकाता के एक म्यूजियम में मौजूद है. सम्राट अशोक के समय में भारत आये चीनी दार्शनिकों ने भी अपनी पुस्तक में इस अजीब कुएं का जिक्र किया था.
आज भी अनसुलझा है Patna के अगम कुएं का रहस्य
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On: 10:00
प्राचीन भारत के पाटलिपुत्र को आज पटना के नाम से जाना जाता है, जो बिहार का प्रमुख शहर होने के साथ-साथ उसकी राजधानी भी है. नन्द वंश और मौर्य वंश के शासन काल में यह शहर न केवल मगध की, बल्कि पूरे भारत की सांस्कृतिक और आर्थिक राजधानी के रूप में विख्यात रहा है. भारत का यह ऐतिहासिक शहर आज भी अपने आप में कई रहस्यों को समेटे हुए हैं, उन्ही रहस्यों में से एक हैं Patna का अगम कुआं.
इतिहासकार बताते हैं इस कुएं का निर्माण आज से लगभग दो हजार साल पहले हुआ था. जब से यह कुआं अपने अस्तित्व में आया है, तब से यह कभी सूखा नहीं है. यह अपने आप में एक हैरान कर देने वाला सच है.
आखिर यह कुआं अब तक सूखा क्यों नहीं यह अभी तक एक पहली बना हुआ है. इस कुएं के बारे में यह कहा जाता है कि गर्मियों के समय इसका पानी एक से डेढ़ फुट नीचे और बारिश के समय यह एक से डेढ़ फुट तक बढ़ जाता है.
सम्राट अशोक के समय में अस्तित्व में आये इस कुएं के रहस्य को जानने के लिए तीन बार कोशिश की जा चुकी है. पहली बार 1932 में, दूसरी बार 1965 में, और तीसरी बार 1995 में लेकिन अगम कुएं के रहस्य को अब तक नहीं सुलझाया जा सका है.
कुएं के बारे में यह कहा जाता है कि कई बार भयंकर अकाल और सूखा पड़ने पर भी इस कुएं का पानी नहीं सूखा. यहां तक कि बाढ़ आने पर भी कुएं के पानी में कोई ख़ास बढ़ोत्तरी भी नहीं हुई. स्थानीय लोग इस कुएं के बारे में एक और रहस्यमयी बात बताते हैं हुए कहते हैं की कुएं के पानी का रंग अक्सर बदलता रहता है.
यहां के लोग इस कुएं का संबंध पश्चिम बंगाल में स्थित गंगा सागर से बताते हैं. लोगों का कहना है कि एक बार एक अंग्रेज की छड़ी गंगा सागर में गिर गयी जो बहते-बहते पाटलिपुत्र के इस कुएं में आ गयी थी.
आज भी वह छड़ी कोलकाता के एक म्यूजियम में मौजूद है. सम्राट अशोक के समय में भारत आये चीनी दार्शनिकों ने भी अपनी पुस्तक में इस अजीब कुएं का जिक्र किया था.
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