स्नेक आइलैंड – ब्राज़ील – यहाँ चलती है जहरीलें गोल्डन पिट वाइपर सांपो कि हुकूमत
Snake Island, Brazil History & Story in Hindi : आज हम आपको ब्राजील(Brazil) के एक ऐसे आइलैंड के बारे में बता रहे है जहा केवल जहरीलें गोल्डन पिट वाइपर (Golden Pit Viper) सांपो कि हुकूमत चलती है। यह है ब्राज़ील के Sao Paulo से 93 मिल दूर समुद्र मे स्तिथ एक आइलैंड जिसका नाम Ilha de Queimada Grande है पर जिसे सब स्नेक आइलैंड(Snake Island) कहते है।
यहाँ पर इन सांपो कि संख्या इतनी अधिक है कि हर एक वर्ग मीटर में पांच सांप रहते है यानि कि आपके सिंगल बेड जितनी जगह में दस साँप और डबल बेड जितनी जगह में बीस सांप। इस सांप कि गिनती विशव के सबसे जहरीले सांपो में होती है। इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते है इस सांप के काटने से आदमी 10 से 15 मिनट के अंदर मर जाता है। पुरे ब्राज़िल मे साँपो के काटने से होने वाली मौतों में से 90 प्रतिशत मौतों के लिए यही सांप जिम्मेदार है।
इस आइलैंड का एरिया 4,30,000 वर्ग मीटर हैं। यानि कि इस आइलैंड पर करीब 20,00,000 (बीस लाख) जहरीलें गोल्डन पिटवाइपर सांप रहते है। यहाँ पर सांप हर जगह दिखाई देते है जमीं पर चलते हुए, पेड़ो से लटकते हुए, चट्टानों में छिपे हुए। जहरीले सांपो कि इतनी अधिक संख्या के कारण, ब्राजीलियन नेवी ने आम इंसानो का इस पर जाना प्रतिबंधित कर रखा है केवल सर्प विशेषज्ञों को शोध के लिए जाने कि आज्ञा है पर वो भी केवल तटीय इलाके में शोध करके लौट आते है आइलैंड के ज्यादा अंदर जाने कि किसी कि भी हिम्मत नहीं पड़ती है।
स्नेक आइलैंड कि एक खौफनाक कहानी (Horrible Story Of Snake Island) :-
अब हम आपको एक ऐसे परिवार कि कहानी सुनाते है जो कि इनका शिकार हुआ था। यह आइलैंड शुरू से ऐसा नहीं था। यहाँ पर पहले साँपों कि इतनी आबादी नहीं थी और जो थे वो आइलैंड के मध्य वाले भाग में थे जो कि ज्यादा घना था । यहाँ पर तट के पास एक लाइट हाउस बना हुआ है जिसमे कि ब्राजीलियन नेवी का एक कर्मचारी ड्यूटी दिया करता था। यह कहानी है इस लाइट हाउस के आखरी केयर टेकर और उसके परिवार कि। वो केअर टेकर अपनी पत्नी और तीन बच्चों के साथ लाइट हाउस में बने एक कॉटेज में रहता था। ब्राज़ीलियन नेवी का एक जहाज उनके पास उनकी जरूरत का सामान पहुचाया करता था।
लेकिन धीरे धीरे यहाँ साँपों कि संख्या बढ़ने लगी और तट के पास वाले इलाके में भी सांप नज़र आने लगे। एक दिन कुछ जहरीलें गोल्डन पिटवाइपर सांप उनके कॉटेज में खिड़की से घुस गए। असल में खिड़की का कांच टूट गया था और उनका ध्यान उस और गया नहीं था। जहरीलें गोल्डन पिटवाइपर सांपो को कॉटेज में देखकर सारा परिवार डर गया और जान बचाने के लिए सारे तट कि और भागे जहा कि उनकी नाव बंधी थी पर अफ़सोस उनमे से कोई भी वहा तक नहीं पहुँच पाया वे सब रास्ते में ही सांपो का शिकार बन गए। अगले दिन जब नेवी का जहाज वहा सामान उतारने पंहुचा तो उन सबकी लाशें लाइट हाउस को जाने वाले रास्ते पर पड़ी मिली जो कि जहर के कारण एकदम काली पड़ चुकी थी। इस घटना के बाद लाइट हाउस को हमेशा के लिए बंद कर दिया गया और इस आइलैंड पर इंसानों का जाना प्रतिबंधित कर दिया गया।
इस आइलैंड से जुडी हुई एक और घटना स्थानीय लोग बताते है। इस आइलैंड पर केले के पेड़ भी बहुतायत से पाये जाते है। एक बार एक नाविक अपने साथियों के मना करने के बावजूद अंदर केले लेने चला गया पर वो वहाँ पर सांप का शिकार हो गया। वो किसी तरह वापस अपनी नाव तक तो पहुच गया पर ज़िंदा नहीं बचा।
यह आइलैंड इस रूट से जाने वाले प्रवासी पक्षियों का रेस्टिंग पॉइंट है जो कि इस वीरान टापू पर इन साँपों कि मुख्य आहार श्रंखला है और इन साँपों कि संख्या इस हद तक बढ़ने के लिए जिम्मेदार हैं।
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